Wednesday 13 April 2016



रात की बारिश









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रात की बारिश
हर बूंद मानों,
नन्हीं-सी, ख्वाहिश!!

टिप-टिप,टिप-टिप
बूंदों की सरगम,
अंधेरे में, चमके सैंकड़ों दीप!!

बूंदों की झालर सी चमकती
उस में से झांकती रोशनी,
मानों,सपनों की दुनिया मेरी दमकती!!

हर बूंद में एक-एक सपना
सुंदर,रंगीन,रोशन
हर एक, मेरे दिल का अपना!!

छू जाए मेरे तन मन
को,इतराकर,इठलाकर,
मानों बुलाए मुझे,थाम मेरा दामन!!

उड़ जाऊं  मै इस बयार के साथ
दूर गलियों में,गहरे आसमां तले,
गुनगुनाती,मुस्कुराती,करती ख़ुद से बात!!

उड़ती फिरूं,हर गलियारे कूचे
जीती अपने हर सपने को ,
इस बारिश में,यूंही बैठी,आंखें मींचे !!

-मधुमिता

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