ऐ ज़िन्दगी तेरे कितने रंग कितने ढंग हर रंग में रंग जाने को जी चाहता है हर ढंग अपनाने को ये दिल मचलता है चल बन जाती हूँ मैं भी तुझ सी ऐ ज़िन्दगी!
©®मधुमिता
#ज़िन्दगी4
सुर्ख़ गर्म अंगारों सी
कभी बर्फीली बौछारों सी
मसाला-नींबू के चटखारों सी
भरी बरसात में
धीमी आँच पर भुनती
सुनहरे भुट्टे की ख़ुश्बू सी
सोंधी-सोंधी सी ज़िन्दगी!
#ज़िन्दगी3