Tuesday 14 March 2023

शांति

 नही हमारे लिये यह निःशब्दता ना ही सन्नाटा मौत का,


ना पृथकता ना ही संजातीय पार्थक्य ,


और ना यह विश्रृंखल तंत्रिका विध्वंसकारक आवाज़ बमों और गोलियों की,


या यह खूनी बदबू , रक्तरंजित धरती की,


उष्म स्वर में शांति की आवाज़ लगाओ, मुहब्बत के सैलाब में, इस दुनिया को परिगृहित कर।


©®मधुमिता