चक्रवात...
बावरा ये मेरा मन
मन मेरा उद्धत
उद्धत जैसे हो चक्रवात
चक्रवात से कुछ अनुराग
अनुराग और अभिलाषा
अभिलाषा भरा इक संसार
संसार जिसमें हों रंग कई
कई चित्र अनगिनत
अनगिनत से कई सपने
सपने जो बुने मैने
मैने तुम्हारे यादोँ संग
संग चलता साया तुम्हारा
तुम्हारा ही तो है ये मन
मन जो है बावरा
बावरा ही तो मन है ये
ये मन मेरा तनिक उद्धत
उद्धत चक्रवात सा !!
©®मधुमिता