Friday, 12 September 2025

बावरी के नाम

छू गई दिल की हर इक तार तू बावरी,

ख़्वाब में आई जैसे बहार तू बावरी।


तेरी बातों में है कोई जादू सा असर,

हँस के कह दे जो कोई बात तू बावरी।


पाँव में पायलें, आँखों में शोख़ियाँ,

रंग बिखेरे सजी हर बात तू बावरी।


जैसे बरखा में भीगता चाँद हो कोई,

भीगी-भीगी सी वो बरसात तू बावरी।


धड़कनों में बसी है तू, साँसों में घुली,

दिल की गहराइयों की बात तू बावरी।


तेरे होने से रोशन हैं वीरानियाँ,

रूह की सबसे मीठी ज़ात तू बावरी।


©®मधुमिता


ख़ुद को तुझमें ही पाता हूँ हर बार मैं,

आइना देखूँ, लगे साथ तू बावरी।

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