हरीयाली मयस्सर नहीं होती,
फिर भी दिलों को हरा कर देती है।
तेरी मुस्कान की रौशनी से,
धूप भी छाँव में बदल जाती है।
खुशियाँ बाँटना है जब भी,
ना ग़म को घर में आने दें।
तेरे प्यार की हर सांस में,
फूलों की ख़ुशबू महक जाती है।
चलो इक साथ इस जहाँ को,
खुशियों का एक आशियाना बना लें।
©®मधुमिता
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