Tuesday 1 January 2019

नया साल


नया साल
नये लोग
नयी राहें
कुछ चाहे 
कुछ अनचाहे
साथ चल पड़ी
कुछ पुरानी यादें
कुछ अधूरे वादे
कई टूटे सपने
कुछ ताकतीं हकीकतें
जीवन की भूलभुलैया
आँकी-बाँकी कितनी गलियाँ 
आकांक्षाओं की बावड़ियाँ
इच्छाओं की नाज़ुक पोटलियाँ
कुछ धूसर से भय 
सतरंगी कई आशायें
बिखरे हुये रंग कई
और एक बेरंग कैनवास नया
जो तैयार खड़ा है रंग जाने को
एक नयी तस्वीर बनाने को
नयी कहानी सुनाने को
नया इतिहास बनाने को

©®मधुमिता

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