नया साल
नये लोग
नयी राहें
कुछ चाहे
कुछ अनचाहे
साथ चल पड़ी
कुछ पुरानी यादें
कुछ अधूरे वादे
कई टूटे सपने
कुछ ताकतीं हकीकतें
जीवन की भूलभुलैया
आँकी-बाँकी कितनी गलियाँ
आकांक्षाओं की बावड़ियाँ
इच्छाओं की नाज़ुक पोटलियाँ
कुछ धूसर से भय
सतरंगी कई आशायें
बिखरे हुये रंग कई
और एक बेरंग कैनवास नया
जो तैयार खड़ा है रंग जाने को
एक नयी तस्वीर बनाने को
नयी कहानी सुनाने को
नया इतिहास बनाने को
©®मधुमिता
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