Sunday 9 December 2018

जाने वाले...



जाने वालों से क्या गिला

और क्या ही शिकवा,

जाने वाले तो चले जाते हैं

ना जाने कहाँ!

ना तो वो कैद हो पाते,

ना ज़़ंजीरों में जकड़े जाते,

जाने वाले चले जाते हैं,

फिर मुड़कर नही आते हैं,

यादों को उनकी सहेज लो,

प्यार से उनको समेट लो,

इन यादों में उन संग चलो हँस लें,

खेलें ज़रा, ठिठोली कर लें,

यादों संग उनको जी जाओ,

संग अपने सदा पाओ ,

जाने वालों से क्या याराना,

क्यों उन संग दिल लगाना,

चलो अब मुस्कुराओ,

कदमों को आगे बढ़ाओ,

जाने वाले तो कब के चले गये,

बस यादों की गठरी छोड़ गये!!


©®मधुमिता



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