Friday 21 December 2018

जाड़ा


जाड़ा है भाई जाड़ा है
बर्फीला करारा है
हवा लगे बर्फ का कतरा
आसमां भी देखो आज है ठिठुरा
सर्द धार ऐसी कि कट रहे हाथ
बेदम लम्बी है आज की रात
अलाव जला लो
पुआल जमा लो
अहसासों की गरमाहट से
इंसानियत के औजारों से
इस रात को थोड़ा नर्म कर दो
चलों इस जाड़े को ज़रा गर्म कर दो  

 ©®मधुमिता

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