Monday 24 October 2016

बड़े अच्छे लगते हैं....



बड़े अच्छे लगते हैं, ये बारिश ,ये बूंदे,

ये बादल,ये खुशनुमा,मदभरा आलम  और

ये सपनो सा एहसास, आँखे मूंदे मूंदे।



ये गहराते मंडराते बादल,

जैसे श्वेत-श्यामल आँचल,

सनसनाती सी हवा पागल,

छनकती  हुई जैसे पायल।



बड़े अच्छे लगते हैं, ये मौसम, ये धड़कन,

ये खुशबू सोंधी सोंधी और

ये मदमाती, गुनगुनाती पवन।



 ये बौछार, ठंडी ठंडी सी फुहार,

रह रह के मेघों का हुँकार,

मानो करती हों मीठी सी तकरार,

जैसे नया नया सा मासूम प्यार।



 बड़े अच्छे लगते हैं ,ये हिचकना,ये  तड़पना,

ये बिछड़ना,यूँ मिलना और   

 ये तुम्हारी अनछुई सी, हसीं सी, छुवन....।।



-अमित कुमार द्वारा स्वरबद्ध गीत "बड़े अच्छे लगते हैं" व मेरे ससुराल कसौली के खुशनुमा मौसम से उत्प्रेरित मेरी रचना।  

©मधुमिता

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