Friday, 26 May 2023

ज़िन्दगी (4)

 

ऐ ज़िन्दगी
तेरे कितने रंग
कितने ढंग
हर रंग में रंग जाने को
जी चाहता है
हर ढंग अपनाने को
ये दिल मचलता है
चल बन जाती हूँ मैं भी
तुझ सी
ऐ ज़िन्दगी!

©®मधुमिता

#ज़िन्दगी4 

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