Thursday 9 February 2023

उमर

ना असर करती है दुआ,

हो गयी बेअसर हर दवा l

ना रस,ना जल,ना हवा,

बस इक सूखा सा कुआं l

रुक जा ऐ उमर !

तू भाग चली किधर?

फिसल चली हाथों से,

टल रही है सब यादों से,

बालों की सफेदी से झांकती,

सर्द सी कफन मुझ ओर रेंगती,

धीमे-धीमे, हौले-हौले,

ना जाने कब यूंही मौत मुझसे मिलेll


©®मधुमिता

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