Sunday, 31 December 2017

ऐ 2017, मेरे साथ चलने का शुक्रिया,

मेरा हाथ पकड़ साथ देने का शुक्रिया,

छूटने वाला है साथ मगर,

बस थोड़ी ही रह गयी है डगर,

365 दिनों तलक साथ निभाने का शुक्रिया!

©®मधुमिता

No comments:

Post a Comment