प्यार की पांति...
तुम नयनों में काजल बन समा जाओ
मै बिंदिया सी दमक जाऊँ
तुम धूप बन आँगन मेरे उतर आओ
मै छाया बन लिपट जाऊँ
तुम मेघ बन जब आ जाओ
मै बारिश बन बरस जाऊँ
तुम शांत सागर से मुझे अपना जाओ
मै चंचल दरिया सी तुम में समा जाऊँ
तुम प्यार की पांति लिख जाओ
मै गीत बना तुमको गा जाऊँ
©®मधुमिता
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