Monday 6 June 2016

हसरतें हैं, चाहते हैं और हैं ख्वाहिशें




हसरतें हैं, चाहते हैं और हैं ख्वाहिशें
ज़िन्दगी के रंग बिरंगे बुलबुले
खुशनुमा है,खुशफहम है,फिर भी है गर्दिशें,
दोस्ती है, है मुहब्बत, साथ फिर भी रंजिशें,
खौफ है,और मौत है और हैं यूरिशें,
फिर भी है मुक्कम्मल हौसले, है तुझ पे नाज़िश,
तू हसीं हैं,ख़ूबसूरत, तू माह -वाश,
बे साख्ता ,बे अंदाज़ा,पाकीज़ा ।

मदमस्त है, सुकून है,है हर दिन नए परवान
ये वक़्त बेशकीमती,हर गोशा गिरां
इक कशिश है,इक करम है हरसू  करीम,
हर तस्वीर को तेरी हमकरते तस्लीम,
ना कशाकश,है बस इक कशिश,
खुबसूरत सी कोई कहानी परीवश,
ज़िन्दगी तू इक आदत है, नशा है,
जादू,जाज़िब,जज़्बाए जुनूं है ।

है जज़्ब सब तेरे चश्मो चमन में,
ऐ कमबख्त छुपा ले हमे भी दामन में,
मग़रूर,कमज़र्फ दुनिया बेहोश है, 
हर पल को जी लेने में हम मदहोश है,
तेरे साए में,तेरी बज़्म में
सन्नाटे भी सुनाते मीठी सी नज़्म हैं,
तेरे दामन को थामने की ज़ारी हैं कोशिशें,
हसरतें हैं, चाहते हैं और हैं ख्वाहिशें!!!

-मधुमिता 

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