Wednesday, 27 April 2016

shabdaamrit शब्दामृत-मधुमिता: बर्फ होते रिश्तेपगला सा ये मन मेरा,हो जाने को...

shabdaamrit शब्दामृत-मधुमिता: बर्फ होते रिश्ते



पगला सा ये मन मेरा,
हो जाने को...
: बर्फ होते रिश्ते पगला सा ये मन मेरा, हो जाने को बैठा सिर्फ तेरा, तुझमें ही रम जाना चाहे, डगर कठिन हो कितनी भी चाहे। तुझ संग ये चाहे...

No comments:

Post a Comment