चलो मिलकर एक गीत बनायें
चलो मिलकर एक गीत बनायें,
अरमानों के शब्दों को,
अहसासों की रंगीन चादर ऊढ़ाएँ,
कुछ शब्द तुम चुन लाओ ,
कुछ शब्द मै भी जोड़ (तोड़ ) लाऊं,
कभी मै तुमको पढ़ूँ ,
थोडा मुझको तुम पढ़ पाओ ,
ख़ामोशी के पन्नों पर ,
सपनों के इद्रधनुष फैलाएँ ।
आँखों की भाषा को ,
नई सी परिभाषा दे जाएँ ,
शब्दों के झालर में गुंथी
मुहब्बत झिलमिलाए,
प्यार की बौछारें हमें
कुछ यूँ भिगो जाएँ,
एक दूजे में हम डूब जाएँ!
चलो मिलकर एक गीत बनायें।।
-मधुमिता
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