Wednesday, 13 April 2016

आओ ना कुछ बातें करें








आओ ना कुछ बातें करें,
शब्दों से ना सही ना करें,
आंखों हीआंखों में
बोल बतियाते रहें ।।


ख़ामोश हैं नज़ारें,
दोनो समझें निशब्द इशारे,
इस मौन को मुखर बनाये,
मूक अधर के अहसास समझायें।।


सन्नाटे को बना मधुर वादिनी,
रोम रोम से रचे मधु रागिनी ,
यूं प्रेम आलिंगन में बंध पायें,
बस चलो दो से एक हो जायें।।


चलो ना यूं ही कुछ बातें करें,
आंखों ही आंखों में बतियाते रहें,
इस सन्नाटे की दूरी को मिटाते चलें,
दो दिल इक दूजे के करीब आते चलें।।


-मधुमिता

No comments:

Post a Comment