मुम्बई मेरी जान
कहीं समुन्दर की लहरें
कहीं दो दुनियाओं की तस्वीरें,
मालाबार हिल, पाली हिल,
धड़काते हैं दिल विल l
अजब गज़ब से हैं स्टाइल,
सब कुछ यहां मानो फ्रीइश्टाईल l
नाम है या स्टेशन ,
मन मे ये कनफ्यूज़न,
महालक्ष्मी, जोगेश्वरी,
बैन्डस्टैन्ड, माउंट मेरी,
नारीमन पायन्ट, तारदेव,
सब पूरी हैं,भेल हो या सेव l
पाव भाजी पे मस्का,
और काला खट्टा का चस्का l
सिद्धि विनायक का सर पर हाथ,
हाजी अली जी का हरदम साथ l
मस्त,मदिर, एकजुट सी, देश की शान
तू ही तो है, मुम्बई मेरी जान ll
-मधुमिता
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