Sunday, 23 March 2025

होली है

 होली है भई होली है,

रंग रंगीली टोली है,

रंगो भरी हर झोली है,

होली है भई होली है।


सिंदूरी सा लाल है,

गुलाबी हुआ गाल है,

पीले-नीले का भी धमाल है,

चहुं ओर प्रेम प्रीत का गुलाल है।


मीठी मीठी गुजिया है,

भीगी गुङिया की चुटिया है,

थमती नही पिचकारी की धार है,

ठंडाई और पकवानों की भरमार है।


चाचा ने रंगा,तो चाची मुस्काई,

भैया के छुवन से भाभी शरमाई,

नज़र से नज़र टकराई,

फिर बनने को लो नई कहानी अाई।


मीठी मीठी सबकी बोली,

मानो रब ने मिसरी सी घोली,

हरकोई बना है हमजोली,

होली तो भई ,हम सबकी होली।


भूलो सब शिकवे शिकायत,

सब पर करो हर इनायत ,

बिखराओ हर ओर मुहब्बत,

गले लगो सब,छोङो ये हिचकिचाहट।


रास रंग का ये त्योहार,

स्वागत करो बारम्बार,

गल बहियों का डारे हार,

खोलो अपने मन के द्वार।


खुशियों के मोती लुटाओ,

अबीर और गुलाल उङाओ,

दुनिया को रंगीन बनाओ,

दिलों को सबके करीब लाओ।


होली है भई होली है,

रंग रंगीली टोली है,

रंगो भरी हर झोली है,

होली है भई होली है ।।


©®मधुमिता  


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