आग़ोश...
डूब रहा हूँ मै
बेहिसाब अंधेरों में,
आकर थाम ले मुझको,
पनाह दे दे अपने सीने में,
मयस्सर हो तमाम खुशियाँ तुझे,
जो आग़ोश मे अपनी मुझे ले ले।।
©मधुमिता
#सूक्ष्मकाव्य
डूब रहा हूँ मै
बेहिसाब अंधेरों में,
आकर थाम ले मुझको,
पनाह दे दे अपने सीने में,
मयस्सर हो तमाम खुशियाँ तुझे,
जो आग़ोश मे अपनी मुझे ले ले।।
©मधुमिता
#सूक्ष्मकाव्य
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