shabdaamrit शब्दामृत-मधुमिता
Monday, 24 April 2017
धोख़ा
क्या ख़ता थी मेरी?
कमी थी क्या कोई मेरे प्यार मे
या अंदाज़े इज़हार मे!
तो क्यों तू मेरा हो ना सका?
तोड़ दिया दिल मेरा,
छोड़ दिया साथ,
ऐ तंगदिल सनम,
क्यों तूने यूँ धोख़ा किया?
©मधुमिता
#सूक्ष्मकाव्य
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