शतरंज
शतरंज की ही तो है बिछी बिसात,
कभी शह, तो कभी मात,
ज़िन्दगी भी अजब खेल यारों,
कभी जीत है, तो कभी बाज़ी हीरो,
कभी गिरना, कभी उठना,
कभी मरना, कभी मारना,
जीतेगा वही अन्ततः
वलिष्ठातिजीविता।।
©मधुमिता
शतरंज की ही तो है बिछी बिसात,
कभी शह, तो कभी मात,
ज़िन्दगी भी अजब खेल यारों,
कभी जीत है, तो कभी बाज़ी हीरो,
कभी गिरना, कभी उठना,
कभी मरना, कभी मारना,
जीतेगा वही अन्ततः
वलिष्ठातिजीविता।।
©मधुमिता
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