Saturday, 29 April 2017

कैद कर लो मुझे


अकेला हूँ मै इस अनंत गगन मे,
आ जाओ, कैद कर लो मुझे अपनी लहरों में,
समा जाये इक दूजे मे ,
सुनहरा से आलम मे ऐसे,
डूब जाऊँ मै तुम मे पूर्णतः
भर लो मुझे यूँ अपने अंक मे।।

©मधुमिता
#सूक्ष्मकाव्य 

* सूरज और पानी की कहानी

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