shabdaamrit शब्दामृत-मधुमिता
Thursday, 20 April 2017
पैग़ाम
मचल उठता है दिल
तेरे कदमों की हर आहट पर,
हर उस खुश्बू से
जो तुझे छूकर आती है,
हर एक हवा के झोंके से
जो तेरे आने का पैग़ाम लाती है।।
©मधुमिता
#सूक्ष्मकाव्य
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