हरसिंगार के फूल
उज्जवल धवल बादल दल,
उषा का स्वर्णिम आँचल तल,
श्वेत मुन्गई सितारे से ,
निर्मल ,मोहक और न्यारे से,
बिखरे थे बादामी धूल
पर कुछ हरसिंगार के फूल,
कुछ मेरे सपनो के जैसे,
खुशियाँ बिखेरतीं वो ऐसे,
छोड़ ना पायी सो बीन लायी ,
सपनों को अपने बटोर लायी,
माला में पिरोये , मेरे सपनों को संजोये
ये हरसिंगार के फूल ।।
©मधुमिता
उज्जवल धवल बादल दल,
उषा का स्वर्णिम आँचल तल,
श्वेत मुन्गई सितारे से ,
निर्मल ,मोहक और न्यारे से,
बिखरे थे बादामी धूल
पर कुछ हरसिंगार के फूल,
कुछ मेरे सपनो के जैसे,
खुशियाँ बिखेरतीं वो ऐसे,
छोड़ ना पायी सो बीन लायी ,
सपनों को अपने बटोर लायी,
माला में पिरोये , मेरे सपनों को संजोये
ये हरसिंगार के फूल ।।
©मधुमिता
No comments:
Post a Comment