Monday, 26 September 2016

सपनों से मिल आया जाये....



चलो चलके सो जाया जाये,
सपनों से मिल आया जाये।


थोङा उन संग हंसा जाये,
ज़रा सा रो लिया जाये।
चलो चलके सो जाया जाये,
सपनों से मिल आया जाये।


थोङी सी ठिठोली की जाये,
थोङी फिरकी भी ली जाये।
चलो चलके सो जाया जाये,
सपनों से मिल आया जाये।


कुछ अलग से रंग कैनवस पर उतारे जाये,
खूबसूरत सी इक तस्वीर बनाई जाये।
चलो चलके सो जाया जाये,
सपनों से मिल आया जाये।


ढोल, नगाङे, हाथी, घोङे संग जुलूस निकाले जाये,
और चाँदनी अपने संग तारों की बारात ले आये।
चलो चलके सो जाया जाये,
सपनों से मिल आया जाये।


फूलों के संग मुस्कुराया जाये,
हिरणों के संग ज़रा कुलांचे मारे जाये।
चलो चलके सो जाया जाये,
सपनों से मिल आया जाये।


अमन और चैन से भी मुलाकात कर आते हैं, 
बंदुकों और हथगोलों को ठेंगा अपना दिखा आते हैं।
चलो चलके सो जाया जाये,
सपनों से मिल आया जाये।



तितली से हर दुनिया में उङ उङ घूमा जाये,
पंछियों से गिरजे,मंदिर, मस्जिदों पर उतरा जाये।
चलो चलके सो जाया जाये,
सपनों से मिल आया जाये।


अपने सुख दुख के साथी सपने,
जीवन को सुखद बनाते सपने,
रंगीनियाँ ले आते सपने,
आशाओं में विश्वास बनाते सपने,
अमन चैन की आस हैं सपने,
प्रेम, प्यार, उल्लास हैं सपने।


चलो चलके सो जाया जाये,
सपनों से मिल आया जाये।।

©मधुमिता

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