दर्द
जन्म लेने में दर्द,
जन्म देने में दर्द,
मृत्यु में दर्द,
जीने में दर्द,
कुछ ना पाने का दर्द,
कुछ खोने का दर्द,
कभी ना भूल सकने का दर्द,
कभी भूला दिये जाने का दर्द,
कभी ठोकर पर दर्द,
कभी ठोकर की दर्द,
कभी किसी को अपनाने का दर्द,
कभी ना अपना पाने का दर्द।
कभी ठुकराने का दर्द,
कभी ठुकराये जाने का दर्द,
कभी प्यार का दर्द,
कभी तकरार का दर्द,
कभी भूखे होने का दर्द,
कभी बेघर होने का दर्द,
कभी किसी से रूठने का दर्द,
कभी किसी के रूठने का दर्द,
कभी दग़ा का दर्द,
तो कभी अविश्वास का दर्द,
कभी किसी के पास होकर दूर होने का दर्द,
तो कभी झूठी आस का दर्द।
कभी दूर जाने का दर्द
तो कभी दूर होने का,
कभी ना मिल पाने का दर्द,
तो कभी विछोह का,
कभी मात पिता का दर्द,
तो कभी संतान का,
कभी कुदरत का दिया दर्द,
तो कभी इंसान का,
कभी साँसें लेने का दर्द,
तो कभी ना ले पाने का,
कभी जीने का दर्द,
तो कभी ना जी पाने का।
दर्द बहुत है इस जहाँ
में, वजह बेवजह का,
चाहत और नफरत का,
आदी और अनंत का,
हवाओं में, दिशाओं में,
समय की दशाओं में,
हर पल, हर निश्वास में,
हर प्राणी के श्वास में,
यूँ जिस दर्द को लपेट ले
तू अपनी मुसकान में,
जो माने तू सच्चा,
कसम से! वो दर्द भी बला का अच्छा ll
©मधुमिता
जन्म लेने में दर्द,
जन्म देने में दर्द,
मृत्यु में दर्द,
जीने में दर्द,
कुछ ना पाने का दर्द,
कुछ खोने का दर्द,
कभी ना भूल सकने का दर्द,
कभी भूला दिये जाने का दर्द,
कभी ठोकर पर दर्द,
कभी ठोकर की दर्द,
कभी किसी को अपनाने का दर्द,
कभी ना अपना पाने का दर्द।
कभी ठुकराने का दर्द,
कभी ठुकराये जाने का दर्द,
कभी प्यार का दर्द,
कभी तकरार का दर्द,
कभी भूखे होने का दर्द,
कभी बेघर होने का दर्द,
कभी किसी से रूठने का दर्द,
कभी किसी के रूठने का दर्द,
कभी दग़ा का दर्द,
तो कभी अविश्वास का दर्द,
कभी किसी के पास होकर दूर होने का दर्द,
तो कभी झूठी आस का दर्द।
कभी दूर जाने का दर्द
तो कभी दूर होने का,
कभी ना मिल पाने का दर्द,
तो कभी विछोह का,
कभी मात पिता का दर्द,
तो कभी संतान का,
कभी कुदरत का दिया दर्द,
तो कभी इंसान का,
कभी साँसें लेने का दर्द,
तो कभी ना ले पाने का,
कभी जीने का दर्द,
तो कभी ना जी पाने का।
दर्द बहुत है इस जहाँ
में, वजह बेवजह का,
चाहत और नफरत का,
आदी और अनंत का,
हवाओं में, दिशाओं में,
समय की दशाओं में,
हर पल, हर निश्वास में,
हर प्राणी के श्वास में,
यूँ जिस दर्द को लपेट ले
तू अपनी मुसकान में,
जो माने तू सच्चा,
कसम से! वो दर्द भी बला का अच्छा ll
©मधुमिता
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