गर्मी की छुट्टी
गर्मी बढ़तीं जाती है,
सूरज की किरणें,चढ़ती जातीं हैं,
आम के पेड़ की छायाँ आँगन में,
हर शाम कोलाहल प्रांगण में ।
होम वर्क को नहीं करता मन,
दिल मांगे रसना हर पल,
फिर पड़ी मम्मी की डाँट ,
और दोस्तों के साथ खानी चाट l
आम ,रस, कोल्ड कॉफ़ी की फ़रियाद ,
चलो भागो,नानी के घर की आई याद,
जहाँ रानी है मम्मी की माँ,
ठंडी ठंडी प्यार की छाँ।
पढ़ाई ,टीचर का ना कोई डर,
खत्म हुई बस सारी फिकर,
मस्ती का अब माहौल सुहाना,
दोस्तों संग खेलना खिलाना ।
गर्मी का अब है नो डर,
अब तो बस नानी का घर,
फुल ओन मस्ती, फुल ओन फन,
गर्मी की हुई छुट्टी,भई टन टन टन।।
-मधुमिता
मेरे नन्हे दोस्तों के लिए सप्रेम
गर्मी बढ़तीं जाती है,
सूरज की किरणें,चढ़ती जातीं हैं,
आम के पेड़ की छायाँ आँगन में,
हर शाम कोलाहल प्रांगण में ।
होम वर्क को नहीं करता मन,
दिल मांगे रसना हर पल,
फिर पड़ी मम्मी की डाँट ,
और दोस्तों के साथ खानी चाट l
आम ,रस, कोल्ड कॉफ़ी की फ़रियाद ,
चलो भागो,नानी के घर की आई याद,
जहाँ रानी है मम्मी की माँ,
ठंडी ठंडी प्यार की छाँ।
पढ़ाई ,टीचर का ना कोई डर,
खत्म हुई बस सारी फिकर,
मस्ती का अब माहौल सुहाना,
दोस्तों संग खेलना खिलाना ।
गर्मी का अब है नो डर,
अब तो बस नानी का घर,
फुल ओन मस्ती, फुल ओन फन,
गर्मी की हुई छुट्टी,भई टन टन टन।।
-मधुमिता
मेरे नन्हे दोस्तों के लिए सप्रेम
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