Wednesday, 6 December 2017

चंदा रे...


चाहे चमचम चमको,
कितना भी दमको,
मुस्कुरा लो ,
कितना भी इतरा लो,
आज ना मुझ तक पहुँच पाओगे,
देखो रस्सियाँ हैं, फंस कर गिर जाओगे,
चलो जाओ अब ना करो बदमाशी,
करो ना यूँ तुम गुस्ताख़ी,
करो जाकर बादलों संग अठखेली,
सितारों के संग करो आँखमिचौली,
चलो जाओ अब तुम घर अपने,
छोड़ो मेरा आंगन, लेने दो मुझको मीठे सपने ।

©®मधुमिता

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