Tuesday, 30 May 2017

अफ़साना





दिल ने कहा चलना
कुछ अपना अफ़साना बयान कर,
कलम उठाई ही थी
कि दिमाग़ ने कन्धे पर दस्तक दी
और कहा , "पागल है क्या?"
ये दुनिया जज़्बातों की कद्र नही करती,
माख़ौल बना देगी तेरी ज़िन्दगी का!
संभाल पायेगी क्या ये यातना??
मै वहीं ठिठक कर जड़ हो गई!!
   
©मधुमिता   2017

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