यादों की राख..
एक दिल है
टूट कर फिर जुङा हुआ,
धङकता हुआ,
खुशियों से मचलता हुआ,
आत्मविश्वास फिर से खङा हुआ,
आँखें नवीन सपनों से दमक रही हैं,
अद्भुत रंगों से चमक रही हैं,
अम्लान रुधिर धमनियों में
बहने लगी,
सुर्ख, लाल, गर्म,
थोङा सख़्त, थोङा नर्म,
नवीन मार्ग की ओर अग्रसर,
जैसे ही मैने तोङ दी
आस की डोर को,
झोंक दिये आग में
उन निशानियों को
जो अंश थे तुम्हारे झूठे प्यार के,
फाङ दिये मटमैले
उन पन्नों को
जिनमें सिमटीं थी यादें तुम्हारी,
वो धुंधली सी ज़िन्दा यादें
जो आभास करा जाती थी
हरपल एक धोखे का,
निर्मम से हृदय का,
उन वादों को
जो पल पल तोङ रही थीं मुझे
थोङा - थोङा,
सब कुछ, समझ की अग्नि में
जला डाले मैने,
खुली आँखों से,
बिना किसी हिचक,
बगैर किसी झिझक,
कुछ भी अब ना रहा,
ना वो प्यार,
ना इकरार,
ना प्यास,
ना ही कोई आस,
ना वादे
और ना ही कोई यादें,
अब बस इतना करम
कर जाओ,
यादों की राख रखी है,
ले जाओ
कहीं दूर,
बहा आओ उन्हें..।।
©मधुमिता
एक दिल है
टूट कर फिर जुङा हुआ,
धङकता हुआ,
खुशियों से मचलता हुआ,
आत्मविश्वास फिर से खङा हुआ,
आँखें नवीन सपनों से दमक रही हैं,
अद्भुत रंगों से चमक रही हैं,
अम्लान रुधिर धमनियों में
बहने लगी,
सुर्ख, लाल, गर्म,
थोङा सख़्त, थोङा नर्म,
नवीन मार्ग की ओर अग्रसर,
जैसे ही मैने तोङ दी
आस की डोर को,
झोंक दिये आग में
उन निशानियों को
जो अंश थे तुम्हारे झूठे प्यार के,
फाङ दिये मटमैले
उन पन्नों को
जिनमें सिमटीं थी यादें तुम्हारी,
वो धुंधली सी ज़िन्दा यादें
जो आभास करा जाती थी
हरपल एक धोखे का,
निर्मम से हृदय का,
उन वादों को
जो पल पल तोङ रही थीं मुझे
थोङा - थोङा,
सब कुछ, समझ की अग्नि में
जला डाले मैने,
खुली आँखों से,
बिना किसी हिचक,
बगैर किसी झिझक,
कुछ भी अब ना रहा,
ना वो प्यार,
ना इकरार,
ना प्यास,
ना ही कोई आस,
ना वादे
और ना ही कोई यादें,
अब बस इतना करम
कर जाओ,
यादों की राख रखी है,
ले जाओ
कहीं दूर,
बहा आओ उन्हें..।।
©मधुमिता
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