मुहब्बत का सलीका
तुझे पाने का बेहतरीन तरीका है।
महसूस करने को तुझे
बस जी भर कर रो लेना है।
तेरी खुशबू है हवाओं में
इन हवाओं को बस थामना है।
तू यहीं है आसपास मेरे
तेरे अक्स को सीने में छिपा लेना है।
बार-हा लोग पूछे गर
तेरा नाम ज़ुबाँ पर ना लाना है।
ग़ैर मौजूदगी मे तेरी
यादों से तेरे लिपट जाना है।
खुद को यूं खोकर भी
यादों मे तेरे बसना है।
मै को मिटाकर
तुझ मे ही सिमटना है।
मुहब्बत से आगे निकल जाना ही शायद
मुहब्बत निभाने का सलीका है।
©®मधुमिता
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