टूथपेस्ट के बुलबुले....
पेपरमिंट सी,
कभी मीठी,
कभी नमकीन,
दातों के बीच
कुलबुलाती,
मुँह में स्वाद भर जाती,
कसमसाती,
बुदबुदाती,
भर जाती सनसनाहट,
अनदेखी सी गर्माहट,
ताज़गी की अहसासें,
ठंडी सी साँसें,
कभी बनती,
कभी फूटती,
मुँह में मिठास सी घोलती,
मेरे अधरों को चूमती,
मुस्कुराहट दे जाती,
सफेद-गुलाबी झाग से घिरी,
टूथपेस्ट के बुलबुलों सी
यादें तुम्हारी. ..!
©मधुमिता
पेपरमिंट सी,
कभी मीठी,
कभी नमकीन,
दातों के बीच
कुलबुलाती,
मुँह में स्वाद भर जाती,
कसमसाती,
बुदबुदाती,
भर जाती सनसनाहट,
अनदेखी सी गर्माहट,
ताज़गी की अहसासें,
ठंडी सी साँसें,
कभी बनती,
कभी फूटती,
मुँह में मिठास सी घोलती,
मेरे अधरों को चूमती,
मुस्कुराहट दे जाती,
सफेद-गुलाबी झाग से घिरी,
टूथपेस्ट के बुलबुलों सी
यादें तुम्हारी. ..!
©मधुमिता
No comments:
Post a Comment